Assalamualaikum, आज मैं आप सभी के साथ शेयर करने वाली हूं fajar ki namaz ke baad konsa surah padhna chahiye और कितनी बार पढ़नी चाहिए।
फजर की नमाज के बाद दो खास सूरत पढ़ने का जिक्र आया है। वैसे तो आप फजर की नमाज के बाद कोई भी सूरत पढ़ सकते हैं लेकिन दो ऐसी खास सुरा है जिसे पढ़कर आप अपने कई बिगड़े काम सवार सकते हैं।
इस आर्टिकल में उसी सूरत को पढ़ने की फजीलत के बारे में हम बात करेंगे जिससे कि आप उन सूरतों को अच्छे से पढ़कर फजिर के बाद अपने लिए दुआ करें और आपकी दुआएं कबूल हो।
Fajar ki Namaz ke Baad Konsa Surah Padhna Chahiye :
दो ऐसी खास सूरतें हैं जिनको आप फजर की नमाज के बाद पढ़ें तो आपको अखिरत की बेशूमार दौलत हासिल होगी।
Fajar ki Namaz ke Baad Surah Yaseen :
जैसे ही आप फजर की नमाज पढ़ कर फारिग हो तब आप सूरह यासीन की तिलावत कर सकते हैं।
सूरह यासीन की तिलावत फजर की नमाज के बाद इतनी बड़ी फजीलत रखती है जितनी आप सोच भी नहीं सकते।
Surah Yaseen के फवाइद और फजीलत के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं लेकिन इसकी फजीलत जब फजर की नमाज से फारिग हो और उसे पड़े तो ज्यादा अहमियत रखती है।
Fajar ki Namaz ke Baad Surah Yaseen Padhne ke Fayde :
फजर की नमाज पढ़ने के बाद सूरह यासीन की एक खास फजीलत और अहमियत बयान की गई है।
जिससे कि आपको अनगिनत फायदे और अनगिनत सवाब हासिल होगा। चलिए देखते हैं कि इसके फायदे क्या क्या है :
- सुबह उठकर फजर की नमाज के बाद सूरह यासीन पढ़ने वाले बंदे को अल्लाह ताला कयामत की रोज शहीदों के साथ उठेगा।
- कहने का मतलब है कि जो भी फजर की नमाज के बाद सूरह यासीन पढ़ता रहेगा वह शहीदों में गिना जाएगा।
- और इस्लाम में शहीदों में गिना जाने का मतलब है जन्नती।
- फजैले आमल में लिखा है कि जो भी बंदा सूरह यासीन को सुबह पड़ेगा तो उसको शाम तक की सभी परेशानियां दूर हो जाएगी।
- हुजूर ए पाक ने फरमाया के जो भी शख्स फजर की नमाज के बाद अल्लाह की रजा के लिए सूरह यासीन पड़े उसे दिन के सभी काम अल्लाह के जिम्मे हो जाते हैं।
Fajar ki Namaz ke Baad Ayatul Kursi :
जब भी आप फजर की नमाज पढ़े तो उसके बाद अयातुल कुर्सी की तिलावत जरूर करें।
वैसे तो सही हाडिसों में यह आता है कि हर फर्ज नमाज के बाद अयातुल कुर्सी की तिलावत जरूरी है।
जब भी आप कोई फर्ज नमाज पढ़ते हैं उसके बाद अयातुल कुर्सी 3 मर्तबा या फिर साथ मर्तबा पढ़ें।
क्योंकि आपको इसकी इतनी हम और खास फजीलत और फवाईद मिलते हैं जिसकी आपको आखिरत में बहुत जरूरत होगी।
Hadees :
हादिसों के मुताबिक हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया के जो भी शख्स हर फर्ज नमाज के बाद ayatul kursi की तिलावत करता है उसके और जन्नत के बीच सिर्फ और सिर्फ मौत का पर्दा रहता है।
Fajar ki Namaz ke Baad Ayatul Kursi Padhne ke Fayde :
फर्ज नमाज के बाद और तो और फजर की नमाज के बाद ayat al kursi की तिलावत के काफी फायदे हैं :
- जो भी शख्स हर फर्ज नमाज के बाद अयातुल कुर्सी की तिलावत करेगा उसे शख्स की और जन्नत के दरमियान सिर्फ और सिर्फ मौत का पर्दा रहेगा।
- अयातुल कुर्सी की तिलावत करने वाले के घर में हमेशा सुकून और अमन रहता है।
- जो भी शख्स अयातुल कुर्सी की तिलावत करता रहता है उसके घर से सभी बालाएं टली रहती हैं।
FAQ :
Fajar ki Namaz ke Baad Konsa Surah Padhna Chahiye?
फजर की नमाज के बाद सूरह यासीन और अयातुल कुर्सी की तिलावत करें।
Fajr ki Namaz Mein Kitni Rakat Hoti Hain?
फजर की नमाज में चार रकात होती हैं।
Fajar ki Namaz Kab Kaza Hai ?
सूरज निकलने से पहले तक फजर की नमाज पढ़ सकते हैं ।
Fajar Ki Namaz ke Baad Konsa Surah Padhna Chahiye ?
Surah Yaseen और Ayatul Kursi पढ़नी चाहिए।
Conclusion :
इस आर्टिकल Fajar Ki Namaz ke Baad Konsa Surah Padhna Chahiye में आप सभी को मैंने दो ऐसी सुरा के बारे में बताया है जिनको आप फजर की नमाज के बाद पढ़ सकते हैं।
इन दोनों सूरतों की बहुत ही खास फजीलत है और अगर आप खासकर फजर की नमाज के बाद इनको पढ़ते हैं तब आपको और भी बेहतर अजर मिलता है।
सूरह यासीन और अयातुल कुर्सी दोनों ही अपने आप में बेहतरीन सुरत है और बहुत ही बड़ी और खास फजीलत रखने वाली सूरते हैं।
इसलिए आप इनकी ज्यादा से ज्यादा तिलावत करें और अपने अल्लाह को राजी करें।
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फि अमान अल्लाह!
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