Assalamualaikum, fajar ki namaz ke baad konsi namaz padhna chahiye इस टॉपिक पर आज में इस आर्टिकल में आपके साथ डिस्कस करूंगी ।
फजर की नमाज के बाद के कुछ खास एहतराम हैं जिनको आप अपनी मर्जी से अल्लाह को राजी करने के लिए कर सकते हैं ।
इस आर्टिकल में आप सभी fajar ki namaz ke baad konsi namaz padhna chahiye , उसका नाम क्या है और आप उस नमाज को किस टाइम पर पढ़ सकते हैं ।
इस नमाज की फजीलत भी आप इसी आर्टिकल में जानेंगे । इसलिए इस आर्टिकल को आखिर तक और ध्यान से पढ़ें ।
Fajar ki Namaz ke Baad konsi Namaz Padhna Chahiye :
फजर की नमाज के बाद आप दो नमाज पढ़ सकते हैं । यह दोनो नमाज फजर की नमाज के बाद होती हैं ।
Ishraq ki Namaz
फजर की नमाज के तुरंत बाद इशराक की नमाज पढ़ी जाती है। सूरज के उगते ही यह नमाज पढ़ी जाती है।
इशराक की नमाज पढ़ने के कई फायदे हैं। यह नमाज अपने आप में बहुत खास फजीलत रखने वाली नमाज है।
ये नमाज़ फर्ज नमाजों में से नहीं है। यह एक नफीली नमाज है।
Ishraq ki Namaz ke Fayde
बेशक एक नफिल नमाज पढ़ने के फायदे बहुत ही खास होते हैं। वैसे ही इस नमाज को पढ़ने के भी बहुत बेहतरीन फायदे हैं;
हदीस में आया है कि जो भी बंदा फजर की नमाज पढ़ कर बैठा रहे और अल्लाह का जिक्र करे और सूरज उगने का इंतजार करें, सूरज के उगते ही इशराक की नमाज के चार नफिल अदा करें उसको एक हज और एक उमरे का सवाब तामील किया जाएगा।
इशराक की नमाज अदा करने वालों के घरों में हमेशा बरकत बनी रहती है।
इशराक की नमाज पढ़ने वालों के सभी काम अल्लाह ताला आसानी से कर देता है।
Ishraq ki Namaz ka Time
इशराक की नमाज का सही वक्त है कि जब सूरज निकलने के 15 मिनट बाद सूरज थोड़ी तेजी पर हो तब आप इशराक की नमाज अदा करें।
वह वक्त इशराक की नमाज के लिए एकदम सही वक्त है और इसका वक्त चास्त की नमाज शुरू होने तक रहता है।
चास्ट की नमाज जिसे अववाबीन की नमाज भी कहा गया है, जब शुरू हो उससे पहले पहले आप इशाराक की नमाज अदा कर सकते हैं।
Chasht ki Namaz
इशराक की नमाज के बाद एक खास नफीली नमाज और अदा की जाती है जिसका नाम चाश्त की नमाज है ।
एक बहुत ही खास फजीलत रखने वाली नमाज है चश्त नमाज। जब भी आप इसको पढ़ते हैं तभी अल्लाह ताला आपके लिए बेहतरीन अजर और सावाब लिख देता है ।
Chasht ki Namaz Time
चाश्त की नमाज के वक्त की शुरुआत इशराक की नमाज के बाद होती है । इस नमाज को पढ़ने का सही वक्त शुरू होता है 10 या 11:00 बजे।
आप इस नमाज को 10:00 या फिर 11:00 से लेकर जावाल के टाइम तक पढ़ सकते हैं। ।
हादीसों के मुताबिक इस नमाज को अववाबीन की नमाज भी कहा जाता है क्योंकि यह जवाल के वक्त पढ़ी जाने वाली नमाज है।
Chasht ki Namaz ki Fazilat
चाश्त की नमाज पढ़ने की कई फजीलत है बयान की गई है। जिनसे आपको बेहतर फायदा हासिल होगा।
इशराक और चश्त से यह दोनों ऐसी नफिली नमाज है जिसे आप अल्लाह ताला के और भी करीब जा सकते हैं।
चश्त की नमाज को हमारे नबी ए पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बहुत ही अहम नमाज बताया है।
हुजूर ने फरमाया कि जो भी शख्स चाश्त की दो या चार रकात पड़ता है तो वह अपने जिस्म के सभी जोड़ों का सदका करता है।
यानी जो भी चाश्त की नमाज की तो या चार रकात अदा करेगा वह अपने जिस्म का सदका अदा करेगा।
FAQ :
फजर की नमाज के बाद कौन सी नमाज पढ़ी जाती है?
फजर की नमाज के बाद इशराक और चस्त की नमाज जिनको अववाबीन भी कहा जाता है पढ़ी जाती है।
इशराक की नमाज का वक्त कब होता है ?
इशराक की नमाज का वक्त सूरज निकलने के 10 मिनट बाद बेहतर वक्त है।
चाश्त की नमाज का वक्त कब शुरू होता है ?
चाश्त की नमाज का वक्त जावाल और फजर के एकदम बीच का वक्त होता है।
Conclusion :
इस आर्टिकल fajar ki namaz ke baad konsi namaz padhna chahiye में आप सभी दोस्तों के लिए मैंने दो नमाजे बताई है जो फजर की नमाज के बाद पढ़ी जाती है जिनका नाम चश्त और इशराक की नमाज है।
मेरे मुसलमान बहन भाइयों इन नमाजों को जरूर अदा करें क्योंकि एक नमाज आपके जिस्म का सदका है और दूसरी हज और उम्र का सवाब रखने वाली है।
अगर आप fazar ki namaz ki tasbeeh के बारे में जानना चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल को पढ़ सकते है।
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फि अमान अल्लाह!
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