दुआ ए मासुरा हिंदी में | Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai

Assalamualaikum, दोस्तों अगर आप Dua e masura के बारे में जानना चाहते हैं तो आप एकदम सही जगह पर हैं। क्योंकि आज इस आर्टिकल में मैं आपके साथ शेयर करूंगी की Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai और इसके कई सारे ट्रांसलेशन तर्जुमे के साथ इसी आर्टिकल में आपको मिलेगी।

लोगों के कई सवाल होते हैं कि अगर Dua e masura याद नहीं है तो उसकी जगह पर कुछ और पढ़ सकते हैं क्या?

और अगर उसकी जगह कुछ और पढ़ सकते हैं तो कौन सी सूरा पढ़ सकते हैं?

ऐसे और कई सवालों के जवाब आपको इसी आर्टिकल Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai में मिल जाएंगे और इसीलिए बने रहे लास्ट तक और आर्टिकल को अच्छे से पढ़े।

Dua e Masura :

दुआ ए मासुरा को मैंने निचे हिंदी उर्दू और इंग्लिश लैंग्वेज में दिया है ताकि किसी को भी पढ़ने में कोई परेशानी न हो।

Dua e Masura in Arabic :

दुआ ए मसुरा अरबी में इस तरह से है :

dua e masura in arabic

Dua e Masura in Hindi :


दुआ ए मासुरा इन हिंदी यह है :

dua e masura hindi mein

Dua e Masura in English :

दुआ ए मासुरा इंग्लिश टेक्स्ट में पढ़े :

dua e masura in roman english

Dua e Masura in Roman English

रोमन इंग्लिश में दुआ ए मासुरा का टेक्स्ट :

dua e masura in roman english

Dua e Masura ka Tarjuma :


दुआ ए मासुरा का तर्जुमा यह है :

dua e masura tarjuma

Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai :

Dua e masura वह सूरत है जो की नमाज की दूसरी या चौथी रकात में जब हम सलाम फेरते हैं उससे पहले और अत्ताहियात के बाद पढ़ी जाती है।

dua e masura नमाज का एक एहम हिस्सा है । क्योंकि जब हम नमाज में नियत खोलने के लिए बैठते हैं और अत्ताहियत पढ़ते हुए होते हैं , उसके बाद इस दुआ को पढ़ने की बड़ी फजीलत है ।

Niyat Kholne ka Tarika :

कई लोगों को ये कन्फ्यूजन रहता है की नियत खोलने का सही तरीका क्या है ।

यह नहीं समझ पाते हैं की पहले कौनसी सुरा पढ़ें और कोन कोन सी सूरत नियत खोलने में पढ़ें ।

नियत खोलने का सही तरीका यह है की पहले आप अत्तहियत पढ़ें , अत्तहियत पढ़ने के बाद दुरूद ए इब्राहिम पढ़ें फिर उसके बाद dua e masura पढ़ें ।

उसके बाद आखिर में assalamualaikum warahmatullah कहकर सलाम फेर लें ।

Dua e Masura ki Fazilat :

इस दुआ को बहुत बड़ी फजीलत है । जब आप इस दुआ को पढ़ते तब आपको यह नीचे बताई गई सभी फजीलतें मिलती हैं :

  • इस दुआ को पढ़ने वाले से अल्लाह ताला खुश होते हैं ।
  • इस दुआ को माफी और मगफिरत के लिए पढ़ा जाता है , यानी जो भी इस दुआ को पढ़ता है अल्लाह उसकी मगफिरत फरमाएंगे ।
  • कई मुसलमानों का मानना है की इस दुआ की तिलावत से से उन्हें ताज़गी महसूस होती है । इसलिए इसकी तिलावत जरूर करें ।
  • इस दुआ को पढ़ने वाले के घर में बरकत और रहमत कायम रहती है ।
  • इस दुआ को पढ़ने वाले की कोई भी जायिज़ तमन्ना बाकी नहीं रहती । कहना का मतलब है की कोई काम न हो रहा हो तो इस दुआ की रहमत से वो हो जाता है

Dua e Masura Yaad Na Ho to Kya Padhe :

जब आपको dua e masura याद न हो तो इसको याद करने की कोशिश करें और जब तक याद न हो तब तक आप ये दुआ पढ़ सकते हैं ।

दुआ है :


رَبَّنَا آتِنَا فِىْ الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِىْ الآخِرَةِ حَسَنَةً
وَّقِنَا عَذَابَ النَّارِ

रब्बना आतेयना फ़िद्दुनिया हसनतउ व फील आख़िरति हसनतउ वक़ीना अजाबन्नार

Rabbana atina fid-dunya hasanatan wa fil ‘akhirati hasanatan waqina ‘

FAQ :


Dua e Masura Yad na Ho To Kya Padhe?

दुआ ए मसुरा याद ना हो तो आप उसकी जगह सूरह इखलास पढ़ सकते हैं या फिर इस आर्टिकल में बताई हुई दुआ पढ़ सकते हैं।

Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai ?

पहले अत्ताहियात पड़े फिर सूरह इखलास पढ़े उसके बाद दुआएं मसूर को पढ़कर सलाम फेरे ।

Dua e Masura Yad na Hone Par Koi or Surah Padh Sakte Hai?

जी हां दुआ ए मासुरा की याद न होने पर आप दूसरी दुआ भी पढ़ सकते हैं।

Conclusion :

इस आर्टिकल में आपको Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai के कई ट्रांसलेशन दिए गए हैं जिससे कि आप उसको अच्छे से पढ़कर समझकर याद कर सकते हैं।

उम्मीद है कि इसके सभी ट्रांसलेशन और यह दुआ आपके अच्छे से समझ आ गई होगी। ऐसे ही और दिनी आर्टिकल्स के लिए वेबसाइट को फॉलो करते रहे। अगर आपको इस आर्टिकल Dua e Masura Kab Padhi Jati Hai से रिलेटेड कोई सवाल पूछना है तो आप मुझे कमेंट कर सकते है।

फी अमान अल्लाह!

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