Assalamualaikum, आज में आपको Laylatul Qadr Dua के बारे में बताऊंगी , रमजान के इस पाक महीने में बहुत सारी इबादतें हैं जिनका अजारो सवाब अनगिनत है । ऐसे ही लाजवाब सवाब और बड़ी फजीलत वाली रातें laylatul qadr 2024 होती हैं ।
Laylatul qadr में आप अल्लाह ताला से बेशुमार दुआ करें तो अल्लाह आपकी सभी जायिज़ दुआएं जरूर कुबूल करते हैं
लैलतुल कद्र ऐसी बेहतरीन शब्दों में से है जो कि आपको एक तोहफे के रूप में नवाजी गई है जिससे कि आप अल्लाह ताला से अपने दिल से राब्ता कर सके।
इस आर्टिकल Laylatul Qadr Dua में बहुत सी खास चीज मैं आपको बताऊंगी जैसे कि लैलतुल कद्र 2024 मैं कब-कब कौन-कौन सी रात है।
इसके साथ-साथ आपको कौन सी सब कदर में क्या करना चाहिए जिससे आप अल्लाह ताला के और करीब हो सके।
इसीलिए आज के आर्टिकल Laylatul Qadr Dua को पूरा पढ़े , क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा खास और आपके लिए बहुत बेहतरीन आर्टिकल होने वाला है।
Laylatul Qadr Dua 2024 dates :
2024 के रमजान का दुसरा अशरा अभी चल रहा है और लैलतुल कद्र तीसरे अशरे में शुरू होती हैं।
जैसे ही रमजान का तीसरा अशरा लगता है तो हमारी laylatul qadr जैसे की 21वी शब , 25वीं शब ,27वीं शब, 29वीं शब आती हैं।
नीचे दी गई टेबल से आप जान सकते हैं कि कौन सी शब्द किस दिन है और किसी वक्त शुरू है।
शब | Date | Day |
21वी | 31 मार्च | Monday |
23वी | 2 अप्रैल | Wednesday |
25वी | 4 अप्रैल | Friday |
27वी | 6 अप्रैल | Sunday |
29 वी | 8 अप्रैल | Tuesday |
Laylatul Qadr Dua | dua for laylatul qadr :
पांच शब में पढ़ी जाने वाली है खास दुआ है जिससे आप अलग-अलग से अपनी गुनाहों की माफी और अपनी अच्छाइयों के लिए दुआ कर सकते हैं।
और इसी दुआ के जरिए आप जहन्नम की आग और हर तरह के अजाब से अपने लिए मगफिरत मांग सकते हैं।
उर्दू में दुआ है :
आप इस दुआ को पांचो शब कदर में पढ़ सकते हैं और अपने लिए दुआ कर सकते हैं। एक बड़ा दुआ है जो पांचो शाबों में पढ़ी जाती है।
एक और खास lailatul qadr dua है जो की लैलतुल कद्र के लिए ही है जिसमें आप काफी ज्यादा फायदा पा सकते हैं।
यह बहुत ज्यादा खास दुआ है पांचो शबों के लिए।
Laylatul Qadr Dua prayer time :
काफी लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि शब कदर का वक्त किसी वक्त से शुरू होता है और कब तक खत्म होता है।
तो मैं आपको बता दूं कि शब कद्र का वक्त मगरिब यानी सूरज ढलने के बाद से शुरू हो जाता है।
और जब तक अगली सुबह का सूरज निकलता है तब तक वह वक्त कादिर रहता है।
यानी आप सूरज ढलने के बाद से लेकर सूरज उगने तक के वक्त में अपनी इबादत कर सकते हैं।
इस दरमियान आप ज्यादा से ज्यादा अस्तगफार पढें और हुजूर पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को दुरूद भेजें , shabe qadr dua पढ़े और अपनी नमाजों को पूरा करें और अल्लाह को राजी करें।
21 shab e qadr ke nawafil :
21वीं शबे कद्र यानी की रमजान उल मुबारक की पहली laylatul कदर पर आप यह सभी नमाजे और इबादत कर सकते हैं। ramzan ki 21 shab ki ibadat सभी करे इसमें सभी की दुआ कबूल होती है।
- चार रकात नमाज दो दो करके पढ़ें जैसे आप और दिनों में पढ़ते हैं ।
- हर रकात में सूरह फातिहा के बाद एक बार surah qadr और एक बार surah ikhlas पढ़े ,नमाज पूरी होने के बाद 70 मर्तबा दुरूद शरीफ यानी सल्लात ओ सलाम पड़े।
- दो रकअत नमाज़ पढ़े और उसमें सूरह फातिहा के बाद तीन मर्तबा सूरह इखलास पड़े। नमाज पूरी होने के बाद अस्तघफार 70 मर्तबा पढ़ें ।
- इसी रात में सूरह कद्र 21 मर्तबा पड़े।
23 shab e qadr ki namaz :
सब कदर में यानी कि रमजान उल मुबारक की दूसरी लैलतुल कद्र में आप यह सब इबादत करें ।
- चार rakat नमाज़ दो दो कट करके पढ़ें जिसमें सूरह फातिहा के बाद एक मर्तबा सूर्य कद्र और तीन मर्तबा सूरह इखलास पढ़े। इससे आपके सभी गुनाह माफ होंगे।
- इसके बाद आठ रकात नमाज पढ़े चार-चार का दो बार करके।
- हर रकात में सूरह फातिहा के बाद एक मर्तबा सूर्य कद्र और एक मर्तबा सूरह इखलास पढ़े।
- नमाज पूरी होने के बाद 70 मर्तबा तीसरा कलमा पढ़ें। और अल्लाह सुभान अल्लाह ताला से अपने गुनाहों की माफी मांगे।
- इसके बाद तीन मर्तबा सूरह यासीन और एक मर्तबा सूरह रहमान जरूर पढ़ें।
25 shab e qadar k nawafil :
25 वी शब कद्र यानी रमजान al mubarak की तीसरी लायलाटु कद्र पर आप नीचे दिए गई सभी बातों में से इबादत कर सकते हैं।
- चार रकात नमाज दो दो रकात करके पढ़ें और हर रकात में सूरह फातिहा के बाद एक बार सूरह कद्र और 5 मर्तबा surah ikhlas पढ़े।
- नमाज पूरी करने के बाद पहला कलमा 100 मर्तबा पढ़े। ऐसा करने से आपका हक में अल्लाह ताला अनलिमिटेड सवाब लिख देंगे।
- फिर उसके बाद चार रकात नमाज दो दो रकात करके पड़े और हर रकात में सूरह फातिहा के बाद सूरह इखलास तीन मर्तबा और तीन मर्तबा सूरह कद्र पढ़ें ।
- नमाज पूरी करने के बात 70 मर्तबा astaghfar पड़े।
- इसके बाद दो रकात नमाज की नियत करें और सूरह फातिहा के बाद तीन मर्तबा सूरह कद्र और 15 मर्तबा सूरह इखलास पड़े।
- माज पूरी करने के बाद दूसरा कलमा 70 मर्तबा पड़े। इंशाल्लाह आपको कब्र के हिसाब से महफूज रखा जाएगा।
एक मर्तबा surah dukhan पढ़ें ।
सात मर्तबा सूरह फतह पड़े। इंशाल्लाह आपकी तमाम जायज मुरादे पूरी होगी।
27 shab e qadar k nawafil :
27 वि सब कद्र यानी रमजान की चौथी लैलतुल कद्र में नीचे 27 shab e qadr ki nafil namaz का तरीका दिया गया है।
- आपको सबसे पहले 12 रकात नमाज 4-4 रकात करके तीन बार पढ़नी है ।
- हर रकात में surah fatiha के बाद तीन बार surah qadr और 15 मर्तबा surah ikhlas पढ़ें।
- नमाज पढ़ने के बाद 70 मर्तबा astaghfar पढें।
- चार रकात नमाज दो दो करके पढ़ें । हर रकात में surah fatiha के बाद एक मर्तबा surah takasur और तीन मर्तबा सुरा इखलास पढ़ें ।
- दो रकात नमाज पढ़ें जिसमे surah fatiha के बाद तीन मर्तबा सुरा alam nashra और एक मर्तबा surah ikhlas पढ़ें।
- नमाज पूरी होने के बाद surah qadr 27 मर्तबा पढ़ें ।
- Surah mulk 7 मर्तबा पढ़ें ।
29 shab e qadar k nawafil :
29 शब कदर यानी माहे रमजान की पांचवी लायलातुल qadr में ये पढ़ें :
- चार रकात नमाज दो दो करके पढ़ें ,जिसमे surah fatiha के बाद एक बार surah qadr और तीन मर्तबा सुरा इखलास पढ़ें ।
- नमाज पूरी होने पर 70 मर्तबा आलम nashra की सूरत पढ़ें ।
- चार रकात नमाज दो दो करके पढ़ें , जिसमे हर रकात में surah fatiha के बाद एक मर्तबा surah qadr और पांच मर्तबा surah ikhlas पढ़ें ।
- नमाज पूरी होने के बाद 100 मर्तबा durood Shareef पढ़ें।
FAQ :
21 shab kab hai ?
Ramadan 21 shab 1 अप्रैल को है।
29 shab kab hai ?
29 शब 8 अप्रैल को हैं।
29 shab e qadr kab ki hai ?
29 shab e qad 8 अप्रैल को है।
Conclusion :
मैने आपको अपने इस आर्टिकल Laylatul Qadr Dua के बारे में सभी मुमकिन जानकारी देने की कोशिश की है जिससे की आप शब qadr पर shab e qadr dua पढ़ करअपने रब को राजी कर सकें । ऊपर मैंने आपको laylatul qadr 2024 namaz ka tarika dua सब डिटेल्स में बताया है उम्मीद है आप सब सिख गए होंगे।
ऐसे ही आर्टिकल्स के लिए बने रहें मेरे साथ इसी साइट पर । इस आर्टिकल Laylatul Qadr Dua से रेलेटेड अगर कोई भी आपका साल है तो मुझे कमेंट कर सकते है में आपका जवाब देने की पूरी कोशिश करुँगी।
फि अमान अल्लाह !
2 thoughts on “Laylatul Qadr Dua | 21,23,25,27,29 Shab e Qadr”