Maghrib Ki Namaz Me Kitni Rakat Hoti Hai | मगरिब की नमाज

Assalamualaikum दोस्तों, आज के इस खास आर्टिकल में आप सभी जानेंगे की : maghrib ki namaz me kitni rakat hoti hai ।

वैसे तो यह सवाल बहुत ही सिंपल सा सवाल है कि maghrib ki namaz me kitni rakat hoti hai इसका जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगा।

और इसी के साथ-साथ मैं आपको कुछ मगरिब की नमाज के बाद की तस्बीह और वजीफा भी बताऊंगी जिससे कि आप अपनी मगफिरत करवा सकते हैं और।

इसी तस्बीह और वजीफा से आप अपने घर की बरकत और रिज्क की बरकत को बढ़ा सकते हैं।

मगरिब की नमाज पढ़ने की बहुत बड़ी फजीलत है। वैसे तो मोमिन पर पांचो वक्त की नमाज़ फज्र की गई है। लेकिन हर नमाज की अपनी अपनी अलग ही फजीलत होती है।

फजर की नमाज और मगरिब की नमाज खास नमाज में से मानी जाती है। क्योंकि फजर का वक्त दिन शुरू होने से पहले का वक्त है और मगरिब का वक्त दिन ढलने का वक्त है।

हुजूर ए पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया के जो भी शख्स असर से मगरिब के बीच में कोई भी दुआ करता है तो अल्लाह ताला उसकी दुआ जरूर कुबूल करते हैं।

असीर से मगरिब के बीच एक ऐसी घड़ी जरूर आती है जिसमें आपकी दुआ कबूल कर ली जाती है।

और इसी तरह एक घड़ी जुम्मे के दिन भी जरूर आती है जिसमें आपकी कोई भी दुआ कबूल होती है और जिसमे खासकर असर से मगरिब के बीच का वक्त माना गया है।

इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें और लास्ट तक जरूर बन रहे ताकि आप अपने सवालों के जवाब पा सके।

Maghrib ki Namaz me Kitni Rakat Hoti Hai :

मगरिब की नमाज में 7 रकात होती हैं , वह 7 रकात कुछ इस तरह से पढ़ी जाती है।

सबसे पहले तीन फर्ज पढ़ें उसके बाद दो सुन्नत फिर दो नफिल नमाज अदा करें।

बहुत ही सिंपल और आसान सी नमाज है इसमें कोई मोड तोड़ या घुमाओ वाली बात नहीं है।

Maghrib ki Namaz me Kitni Rakat Hoti

Maghrib ki Namaz ki Rakat Kaise Padhe :

मगरिब की नमाज की रकात पढ़ने का कोई खास तरीका नहीं है। कई लोग ऐसा सोचते हैं कि मगरिब की नमाज कुछ खास तरीके से पढ़ी जाती है लेकिन इसका कोई इस बात से ताल्लुक नहीं है।

जैसे आप और नमाजे पढ़ते हैं इस तरह आपको तीन फर्ज दो सुन्नत दो नफिल नमाज अदा करके अपनी मगरिब की नमाज को मुकम्मल करना है।

और आप चाहे तो नीचे दिए गए तस्बीह और वजीफा भी पढ़ सकते हैं जिससे कि आप दुआ करके अल्लाह को राजी कर सकते हैं।

Maghrib ke Baad ki Tasbeeh :

दोस्तों जब भी आप अपनी मगरिब की नमाज अदा करें तो Maghrib Ki Namaz Ke Baad Ki Tasbeeh को जरूर पढ़ें क्योंकि यह बहुत ही खास तस्बीह है जो की एक अल्लाह का नाम है।

जब आप मगरिब की नमाज के बाद इस तस्बीह को पढ़ते हैं और दुआ करते हैं तब आपको अल्लाह ताला अपनी खास नेमतों से नवाज़ देता है।

यह अल्लाह का एक खास नाम आपको सो मर्तबा यानी कि एक तस्बीह पढ़ना है और इसमें सिर्फ और सिर्फ 5 मिनट लगते हैं।

इसलिए आप इस नाम को जरूर पढ़ा करें , वह नाम है ;

याबासितु

Maghrib ke Baad ki Tasbeeh

इस तस्बीह को पढ़ने की फजीलत

इस तस्बीह को मगरिब के बाद पढ़ने की कई फजीलतीं हैं। जिनमें शामिल है :

  • इस खास नाम की एक तस्बीह पढ़ने पर आपको कई गुना सवाब मिलता है।
  • जो भी अल्लाह ताला का यह नाम मगरिब की नमाज के तुरंत बाद 100 मर्तबा पड़ेगा अल्लाह ताला उसके हर काम में आसानी पेश करेंगे।
  • इस नाम को 100 मर्तबा मगरिब की नमाज के बाद पढ़ने वाले के घर के लिए अल्लाह ताला बरकत तामील करेंगे।
  • इस नाम को पढ़ने वाले के लिए रिज्क में बेशुमार बरकत होगी।

Maghrib ke Baad ka Wazifa :

जब भी आप मगरिब की नमाज़ पढ़े उसके बाद यह वजीफा जरूर कर ले। यह वजीफा बहुत ही आसान है और बहुत ही छोटा सा है इसमें सिर्फ थोड़ा ही वक्त लगता है।

इस वजीफा का सबसे बेहतरीन और सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको इज्जत से भरी जिंदगी देता है ।

अगर आप एक इज्जतदार जिंदगी जीना चाहते हैं तो इस वजीफा को अपना मामूल बना ले ।

इस वजीफा को करने में सिर्फ 1 मिनट ही लगती है तो इवजीफे को हर मगरिब की नमाज के बाद जरूर पढ़ें।

इस वजीफा को करने का तरीका यह है की सबसे पहले आपको तीन मर्तबा दुरूद शरीफ अव्वल आखिर जरूर पढ़ना है और 9 मर्तबा आपको यामुईजु पढ़ना है ।

और इसके बाद आपको दुआ करनी है । सिर्फ इतना करने से आपके कई अधूरे काम पूरे हो जाते हैं और इज्जत भरी जिंदगी बसर करेंगे।

Maghrib ke Baad Ki Dua :

सबसे अहम सवाल यह है कि मगरिब मगरिब के फर्ज नमाज के बाद क्या पढ़ना है।

तो इसमें आता है कि मगरिब की फर्ज नमाज के बाद आपको तीन मर्तबा और अगर आप पढ़ सकते हैं तो सो मर्तबा अल्लाह हुमा अजरनी मिनन्नार पढ़ें ।

इस दुआ को पढ़ने के फायदे बहुत सारे हैं और सबसे बेहतरीन फायदा इस दुआ का यह है कि आपको जहन्नुम की आग से महफूज रखा जाएगा।

जहन्नुम की आग आप पर हराम फार्मा दी जाएगी। इस दुआ का मतलब यह है कि आप जहन्नुम की आग और गर्मी से पनाह मांगते हैं।

और अगर आप सच्चे दिल से इस दुआ को पढ़कर दुआ करते हैं तो इंशाल्लाह अल्लाह पाक आपको जहन्नम की आग से महफूज रखेंगे।

FAQ :

मगरिब में कितनी रकात होती हैं ?

मगरिब में 7 रकात होती हैं ।

मगरिब की नमाज के बाद क्या पढ़े?

मगरिब की नमाज के बाद तीन मर्तबा अल्लाहुम्मा अजरनि मिनन्नार पढ़े ।

क्या मगरिब की कज़ा नमाज पढ़ सकते हैं?

जी हां , आप कोई भी फर्ज नमाज कज़ा होने पर पढ़ सकते हैं ।

Conclusion :

इस आर्टिकल Maghrib Ki Namaz Me Kitni Rakat Hoti Hai में आप सभी के लिए कुछ दुआएं और तस्बीह बताई गई है जिसे कि आप मगरिब की नमाज के बाद पढ़ सकते हैं ।

और इसी के साथ-साथ maghrib ki namaz me kitni rakat hoti hai इसके बारे में भी बताया गया है।

ऐसे ही इनफॉरमेशन और इस्लामी आर्टिकल्स के लिए बने रहिए मेरी वेबसाइट पर। अगर आप इस आर्टिकल Maghrib Ki Namaz Me Kitni Rakat Hoti Hai से रिलेटेड कुछ भी पूछना चाहते है तो मुझे कमेंट कर सकते है।

फि अमान अल्लाह !

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