Lailatul Jaiza ki Fazilat Aur Namaz | लैलातुल जायज़ा

अस्सलाम वालेकुम दोस्तों आज मैं आप सभी के लिए एक बहुत ही बेहतरीन और कमाल का आर्टिकल Lailatul Jaiza ki Fazilat लेकर आई हूं।

आज का यह आर्टिकल इसलिए खास है क्योंकि आज मैं आप सभी को एक खास शब के बारे में बताने वाली हूं इसका नाम है lailatul jaiza

इस आर्टिकल Lailatul Jaiza ki Fazilat में मैं आपको बताऊंगी कि lailatul jaiza कौन सी शब होती है और इसकी क्या-क्या फजीलत है और आप इस रात में क्या इबादत कर सकते हैं।

lailatul jaiza ki ibadat ka tarika

Lailatul Jaiza Kya Hai :

lailatul jaiza रमजान की आखिरी रात यानी ईद से पहली रात होती है। अगर में सीधे अल्फाजों में कहूं तो चांद रात को lailatul jaiza कहा जाता है।

lailatul jaiza की रात इसलिए खास है क्योंकि रमजान मैं जो भी लोग रोजे रखते हैं तो अल्लाह ताला उस रात उन सभी को अपने खास तोफों से नवाजता है।

इसका एग्जांपल कुछ यू समझिए कि जिस तरह एक मजदूर पूरा दिन काम करके अपनी मजदूरी लेने के लिए जाता है, इस तरह हम सब यानी रोजेदार पूरे रमजान रोजा रखकर लैलतुल जायज़ा में अपनी इनाम लेने के लिए अल्लाह के पास जाते हैं।

चांद रात यानी लैलतुल जाएगा पर ज्यादातर लोग ईद की शॉपिंग और इधर-उधर के कामों में लगे हुए होते हैं जबकि आप सभी को अल्लाह ताला से अपने पूरे रमजान के गलतियों और इबादत के लिए अल्लाह से राब्ता करना चाहिए।

अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा करके और उसका शुक्र करके उसे रात उसे अपने तोफें कबूल करने चाहिए।

इसकी मिसाल कुछ यूं दी जाती है जैसे एक मजदूर पूरा दिन कम करें और अपनी मजदूरी न लेकर जाए इस तरह जैसे एक रोजेदार पूरा रमजान रोजे रखे और अपना इनाम ना लेकर जाए।

Lailatul Jaiza ki Fazilat :

Lailatul jaiza ki fazilat काफी खास है क्योंकि यह रमजान की आखिरी शब होती है।

एक हदीस में हजरत इब्न अब्बास रज़ी अल्लाह तला अन्हू फरमाते हैं कि उन्होंने रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम को इस रात के बारे में कहते हुए सुना की ;

ईद की रात जिसको हम lailatul jaiza कहते हैं(इनाम की रात ) है ।।

ईद की सुबह अल्लाह सुभान अल्लाह ताला malaa ‘ika(फरिश्ते )को जमीन पर भेजते हैं और कहते हैं कि सड़कों पर खड़े रहो , और एक आवाज दो जो कि सब सुन सके सिर्फ जिन और इंसानी मखलूक को छोड़कर।

तब malaa ‘ika आवाज देता है ;” ए रसूल अल्लाह की उम्मत , अपने घरों से निकल कर अल्लाह के सामने आ जाओ , जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है और तुम्हारे गुनाहों को माफ करने वाला है।”

और जब रोजेदार सुबह ईद की नमाज के लिए अपने घरों से निकलते हैं तब अल्लाह ताला फरमाता है की “ malaa ‘ika, उसका इनाम क्या होना चाहिए जिसने अपना पूरा काम किया हो जैसे के एक मजदूर अपना काम करता है ?”

तब malaa ‘ika (फरिश्ते) कहते है की “ए अल्लाह! इसने अपनी पूरे दिल से रोज रखे हैं और इसको इनाम बक्शना चाहिए

तब अल्लाह ताला फरमाते हैं की

“ए फरिश्तों ! में तुम्हे हुक्म देता हूं की तुम इस दिन के गवाह बनो क्योंकि इन रोजेदारों ने लैलातुल जैज़ा में इबादत की ओर पूरे रमजान मेरे लिए रोज़े रखे । ओर आज (यानी ईद की नमाज में ) ये जो भी दुआ करेंगे वो में कुबूल करूंगा ।

ओर में वायदा करता हूं की इन रोजेदारों के लिए बेहतरीन इनाम रहेगा । ओर में इन सभी की मगफिरत फरमाता हूं। “ ये सब Lailatul Jaiza ki Fazilat है।

Lailatul Jaiza Hadith :

जो भी शक्श इन दो रातों में इबादत करेगा (ईद से पहली रात और बकरा ईद से पहली रात ) अल्लाह ताला उनको खास इनाम बक्शेंगे और जब सबका दिल मरेगा तब उसका दिल जिंदा रहेगा ।

Lailatul Jaiza Hadith

Lailatul Jaiza ki Ibadat :

Lailatul jaiza की रात बहुत ही खास रात है जिसमें आपको बेहतरीन से बेहतरीन इबादत करनी चाहिए।

आपको इस रात ज्यादा से ज्यादा अस्तगफार करना चाहिए ताकि अल्लाह सुभान अल्लाह आपकी सभी गुनाहों को माफ फरमा दे और आपकी मगफिरत फरमा दे ।

आपको इस रात नवाफिल पढ़ने चाहिए जितने भी आप पढ़ सकते हैं और अगर किसी की kaza नमाजे हैं तो वह kaza नमाजे भी पढ़ सकता है।।

इस रात कुरान मजीद की तिलावत करें और उसके मायने जाने और अल्लाह से गिड़गिड़ा कर दुआ करें।

पूरी उम्र के लिए और सभी जो इस दुनिया से जा चुके हैं उनके मकसद के लिए दुआ करें और अपनी आखिरत के लिए दुआ करें।

हुजूर ए पाक सल्ललाहु अलैहि वसल्लम पर ज्यादा से ज्यादा दुरूद भेजें ।

ज्यादा से ज्यादा कोशिश करें कि दुनिया भी कामों से बचकर अल्लाह की इबादत में इस रात को गुजारें ।

FAQ :

Lailatul jaiza पर क्या पढ़ें ?

इस रात कोई नमाज या इबादत फर्ज नहीं है आप अपने कैपेसिटी से नवाफील , जिक्र और इबादत कर सकते हैं ।

ईद से पहली रात क्या करना चाहिए ?

नमाज पढ़ें , कुरान पढ़ें , अस्तघफार करें और अल्लाह को याद करके उससे अपने और सबकी मगफिरत की दुआ करें।

ईद की रात को क्या करना सुन्नत है ?

ईद की रात को कुरान की तिलावत करना सुन्नत है ।

Conclusion :

इस आर्टिकल Lailatul Jaiza ki Fazilat में आपको lailatul jaiza के बारे में ज्यादा से ज्यादा इनफॉर्मेशन देने की कोशिश की है ताकि आप सभी दुन्यवि कामों से परे होकर अल्लाह से राब्ता करें और अपने लिए खास दुआएं करें ।

उम्मीद है की आप सभी के ये समझ आया होगा और ऐसे ही आर्टिकल्स के लिए बने रहें । अगर आप इस आर्टिकल Lailatul Jaiza ki Fazilat से रिलेटेड कुछ भी पूछना चाहते है तो मुझे कमेंट कर सकते है।

फि अमान अल्लाह !

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