Assalamualaikum readers , आप सब के साथ में Iftar Ki Dua in hindi में शेयर करने जा रही हूँ और इसी के साथ रोजा रखने की दुआ और नियत के बारे में बात करूंगी।
आप सभी लोग यह जानते ही हैं की रमजान मुसलमान बहन भाईयो का एक बहुत ही खास महीना होता है ।
रमज़ान एक इबादत का महीना है । इसमें आपके गुनाहों को माफ़ किया जाता है। सभी लोग रमज़ान की फजीलत तो जानते ही हैं ।
इसमें काफी ज्यादा इबादत करनी होती है और इसमें कई सारी दुआओं का विर्द करना रहता है और ज्यादातर मुसलमान को लगभग सभी दुआएं याद होती है ।
जिनको इसके बारे में जानकारी चाहिए की iftar ki dua क्या होती है और इसको किस तरह से पढ़ा जाता है तो यह आर्टिकल उन सभी के लिए ही है ।
इस आर्टिकल में आपको इफ्तार दुआ के बारे को translation इफ्तार की दुआ हिंदी में के साथ बताऊंगी और इसके साथ साथ इसके फजायिल भी बताऊंगी।
Iftar Ki Dua रोज़ा इफ्तार करने की दुआ :
Roza kholne ki dua हिंदी , इंग्लिश और उर्दू सभी भाषा में निचे दी गई है :
iftar ki dua in urdu इफ्तार खोलने की दुआ :
रोजा इफ्तार करने के लिए आप किसी भी लैंग्वेज में दुआ पढ़ सकते है यहां iftar ki dua urdu में दी गई है।
اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ
iftar ki dua hindi :
निचे iftar ki dua in hindi दी गई है :
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू
iftar ki dua in english :
Roza Kholne ki Dua इंग्लिश में:
Allahumma inni laka sumtu wa bika amantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizqika aftartu
O Allah! I fasted for you and I believe in you and I put my trust in You and I break my fast with your sustenance.
Roza Iftar Ki Dua in hindi :
ए मेरे रब , मैने तेरे लिए रोजा रखा और में तुझमें यकीन करता या करती हु और मैं तेरे ही दिए रिज से रोजा खोलता या खोलती हूं।
iftar ki dua की फजीलत :
जब आप इस दुआ को इफ्तार करने से पहले पढ़ते हैं तो आपको कई हजार नेकियां और उनके साथ साथ इस दुआ के फजलों करम से इफ्तार करने ओर अल्लाह से दुआओं की कुबूलियत का मौका मिलता है ।
रमज़ान के महीने की फजीलत : मेने आपको रोजा इफ्तार की दुआ तो बता दी है । अब मैं आपको रमदान की कुछ खास फजीलतें बताना चाहती हू ।
- रमज़ान के महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं ।
- रमज़ान के महीने में दोजख के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं ।
- रमज़ान के इस मुबारक महीने में शैतान को कैद कर दिया जाता है ।
- चाहे कितना भी बड़ा गुनहगार क्यों ना हो , अगर वो इस मुबारक महीने को इज्जत और रोज रखकर और इबादत करके गुजर करता है तो अल्लाह सुबहान वाताला उसके तमाम गुनाहों को मुआफ फरमा देता है ।
- जो भी इस मुबारक महीने में दिल से अपने गुनाहों से पनाह मांगता है तो अल्लाह ताला उसके सभी गुनाह माफ फरमाता है ।
roza kholne ki niyat :
जैसा की मेने आप सभी को अभी ऊपर बताया है की सबसे पहले अल्लाह नियत देखता है ।
तो जब भी आप किसी काम को करने की नियत बनाते हैं चाहे वो काम अच्छा हो या फिर बुरा उसका अजर आपको पहले ही मिल जाता है ।
तो अगर आप रोज़ा रखने से पहले रोज़ा रखने की नियत करते हैं हैं तो आपको पूरे दिन के रोजे का sawaab तब ही मिल जाता है ।
और roza kholne ki niyat से भी यही मुराद है । तो roza kholne ki niyat कुछ इस तरह से है :
अल्लाहुम्मा लाकसुमतु वाबिकामंतु वालायीका तवकलतु वालायी रिजकिका अफ्तरतु
तर्जुमा;
ए मेरे रब ! मैने तेरे लिए रोजा रखा और में तुझमें यकीन करता या करती हु और मैं तेरे ही दिए रिज्क से रोजा खोलता या खोलती हूं।
imaan walo ke liye behtreen baatein :
हम सभी मुसलमानों के लिए अल्लाह ने बहुत ही बेहतरीन तौफें इस दुनिया में दिए हैं । जिसमे से एक है हमारी नाभी पाक सल्लल्लाह हु अलायही वसल्लम की उम्मत में होना ।
उसके इलावा
रमज़ान का बेहतरीन महीना और उसमे रोज रखना :
रोज रखने की फजीलत तो काफी ज्यादा बड़ी है लेकिन अगर में नॉर्मली बात करू तो एक इंसान रमदान के रोज़े रख कर कुछ इस तरह से पाक हो जाता है जिस तरह से एक नया पैदा हुआ बच्चा होता है ।
अल्लाह से मुलाकात :
सोचिए वो भी क्या मंजर होगा जब हम सभी की roz -e akhirat अल्लाह से मुलाकात होगी ।
तो यह भी एक बहुत ही खास तौफा है अल्लाह की तरफ से की हम सब उनके सामने पेश होंगे और उनसे मुलाकात करेंगे ।
roza aur sehat :
रोज़ा वैसे तो सभी मुसलमानों पर फर्ज़ है , इसलिए क्योंकि ये शरीयत में आया है । लेकिन अगर में बात करू रोजे से जुड़ी हेल्थ की तो इसके तो जवाब ही नहीं हैं ।
कुछ साइंटिस्ट्स ने हाल ही में ये prove किया है की अगर किसी को भी कैंसर जैसी बड़ी और खतरनाक बीमारियों से बचना हो और अपनी बॉडी को एकदम तारों ताज़ा रखना हो तो आपको एक हफ्ते में एक बार कमस्कम 9 घंटे खाली पेट रहना चाहिए ।
रमज़ान के महीने में इंसान पूरे 30 दिनों तक लगातार 11 से 12 घंटों के लिए भूखा रहता है जिससे सभी टॉक्सिंस खतम हो जाते हैं ।
roza rakhne ki dua :
रोज़ा रखने की दुआ भी में आपके साथ इसी आर्टिकल में शेयर करूंगी जिससे की आप रोज़ा खोलने से पहले रोज़ा रख सकें और उसकी दुआ पढ़कर रोज़ा मुकम्मल तरीके से रखें ।
रोज़ा रखने की दुआ है :
roza rakhne ki dua in Arabic :
रोजा खोलने की दुआ अरबी में निचे दी गई है।
وَبِصَوْمِ غَدٍ نَّوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ
roza rakhne ki dua in hindi :
यहां roza rakhne ki dua in hindi में दी गई है :
व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमज़ान
roza rakhne ki dua ka tarjuma :
निचे roza rakhne ki dua tarjuma हिंदी में दिया गए है :
roza rakhne ki niyat :
हम सब जानते हैं की अल्लाह ताला किसी भी काम को करने से पहले वो काम करने वाले की नियत देखता है ।
तो जब भी आप किसी काम को करने की नियत बनाते हैं चाहे वो काम अच्छा हो या फिर बुरा उसका अजर आपको पहले ही मिल जाता है ।
तो अगर आप रोज़ा रखने से पहले रोज़ा रखने की नियत करते हैं हैं तो आपको पूरे दिन के रोजे का सवाब तब ही मिल जाता है ।
roza rakhne ki niyat सेहरी में सेहरी खाने के बाद और फज्र से पहले की जाती है roza rakhne ki niyat
करें और पढ़ें ;
” वा बि सौमी गदिन नवायितु मिन शहरी रमज़ान ” ।
रोज़ा रखने के फायदे :
- बॉडी से टॉसिंस का खतम होना ।
- बॉडी का purify होना।
- दिमाग की purity होना।
- वजन कम होना ।
- अपनी उम्र से कम यानी जवान दिखना ।
- फेस पर ग्लो आना।
Conclusion :
मेने आपको अपने आर्टिकल में Iftar Ki Dua in hindi रोजा इफ्तार की दुआ के साथ साथ इसके कुछ फैजल और फ़ज़ीलते भी बताई है । और रमज़ान की भी कुछ खास नैमतों के बारे में आपको इनफॉर्मेशन देने की कोशिश की है ।
आखिर कर यही कहना चाहेंगी की अगर आप सच्चे मोमिन हैं तो रोज़े जरूर रखें और अपनी अखिरत और दुनिया दोनो के लिए दुआ करें ।
बेशक अल्लाह ही सबकी सुनने वाला और सबको माफ करने वाला है ।
रोज़े रखें और roza iftar time के वक्त dua पढ़कर सभी के लिए दुआ करें क्योंकि iftar time के वक्त की दुआ कभी भी खाली नही जाती ।
ऐसी ही दीनी इनफॉर्मेशन के लिए बने रहें मेरी साइट पर ।
शुखरान !
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