Shab e Barat : शब ए बारात की नमाज़ , दुआ और अमल 2025

Assalamu alaikum everyone,  यदि आप सभी shab e barat के इस खास मौके पर यह ढूंढ रहे हैं कि ऐसी कौन-कौन सी नमाजे है और कौन-कौन सी मसनून दुआएं हैं जिन्हें पढ़कर आप अल्लाह तबारक वा  ताला के करीब हो सकते हैं और उसे अपनी माफी और मगफिरत की  दुआ कर सकते हैं। 

तो आप एकदम सही जगह आए हैं क्योंकि इस आर्टिकल में मैं आपको shab e barat  पर पढ़ी जाने वाली खास खास shab e barat namaz के बारे में बताऊंगी। 

और तो और इसके साथ में आपको कुछ खास मसनून दुआएं भी बताऊंगी जो काफी आसान है और आप उन्हें पढ़कर एक वजीफा के तौर पर shab e barat 2025 पर अपने लिए मगफिरत की दुआ कर सकते हैं। 

Shab e Barat kya hai ? 

शब ए बारात शाबान के महीने की  बहुत ही खास रातों में से एक है । इसकी काफी बड़ी फजीलत होती है । 

यह रात काफी ज्यादा फजीलत रखने वाली रातों में से ही एक रात है जिसमे हम मुसलमान भाई बहन मिलकर मेरे रब और उसके नबी ए करीम सल्लालाहु अलायिही वसल्लम को इबादतों से राजी करते हैं । 

shab e barat 2025

Shab e Barat 2025 Date in India 

भारत में shab e barat date 14 फरवरी को है। शबे बारात 2025 फरवरी के महीने में उसकी 14 तारीख को है । 

उसे दिन से शाबान के महीने की 15 तारीख को resemble किया जाता है। यानी कि शाबान का आधा महीना गुजर चुका होता है तब शबे बारात आती है क्योंकि उसके अगला महीना रमजान का महीना होता है। 

Shab e Barat ki Namaz ka Tarika

शबे बरात की नमाज में आपको सबसे पहले 6 रकात नमाज की नियत करके दो दो रकात करके पढ़नी है। 

Shab e barat की नमाज के तरीके में 6 रकात नमाज पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको नीयत करनी होगी। 

Shab e Barat Namaz ki Niyat Hindi Me 

shab e barat namaz ki niyat hindi meकरने का तरीका ऐसा ही है जैसा की दूसरी नमाजों में होता है। 

सभी जानते हैं कि कोई भी नमाज पढ़ने से पहले उसे नमाज के लिए नियत करनी जरूरी होती है इसी तरह शबे बरात की नमाज के लिए भी नियत करनी जरूरी है। 

Shab e Barat Namaz ki Niyat Karne ka Tarika 

“नियत की मैंने दो रकात शब-ए-बारात की नफिल नमाज की , वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ को अल्लाह हू अकबर।

  • नियत करने के बाद आपको और नमाज की तरह नफिल अदा करने हैं। 
  • नफिल अदा करने के बाद आपको किस मर्तबा सूरह इखलास पढ़नी है। 
  • 21 मर्तबा surah ikhlas पढ़ने के बाद आपको एक मर्तबा सूरह यासीन की तिलावत करनी है। 
  • अगर आप कई लोग  नमाज पढ़ रहे हैं तो एक बंदा सूरह यासीन की तिलावत कर सकता है और सभी सुन सकते हैं। 

Shab e Barat ki Namaz

सबसे बड़े पहले अमल को आप शाबान के महीने में कर कर सकते हैं वो शाबान की 15 तारीख को रोजा रखना है । 

दूसरी चीज आप शब कदर पर नफिल अदा कर सकते हैं । उनमें से सबसे पहले तो ; 

मगरिब की नमाज के बाद ; 

6 रकातें 2-2 करके पढ़ें और हर रकात को पढ़ने का तरीका कुछ यूं है :

  • नियत की मैंने , 2 रकात नमाज ए नफील की ,दराज ए उम्र के लिए , वास्ते अल्लाह ताला के , रुख मेरा काबे शरीफ की तरफ , अल्लाह हुअकबर।
  • नियत की मैंने , दो रकात नाफिल ए नमाज की , दफा आफतों बलायत के लिए , रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ , अल्लाह हुअकबर  ।
  • नियत की मैंने , दो रकात नाफिल ए नमाज की , कुशाधी रिज्क की , रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ , अल्लाह हुअकबर।

ईशा की नमाज के बाद ; 

7 मर्तबा इन्ना आंजलना पढ़ें

  • 2 रकात पढ़ें जिसमे alhamdu Shareef के बाद एक मर्तबा आयात अल कुर्सी पढ़ें , और तीन मर्तबा कुलहुआल्ला पढ़ें ।
  • 2 रकात नमाज कुछ इस तरह पढ़ें जिसमे बाद अल्हम्दु शरीफ के 1 बार अयातुल कुर्सी , 15 मर्तबा कुलहुआल्ला पढ़ें । बाद सलाम के 100 मर्तबा दुरूद ए पाक पढ़ें । 
  • 2 रकात नमाज में अल्हम्दु शरीफ के बाद इन्ना अंजलना 1 मर्तबा , 3 मर्तबा कुलहुआल्लाह। 
  • 8 रकात 2-2 करके पढ़ें , जिसमे हर रकात में अल्हम्दु शरीफ के बाद 5 मर्तबा कुलहुआल्ला पढ़ें ।

 Shab e Qadr ki Dua | Shab e barat ki dua

Shab e barat पर आप कुछ ऐसी दुआओं की तिलावत कर सकते हैं जो आप रोजाना पढ़ते हैं। 

लेकिन जब आप शबे बरात के रात को इन सभी दुआओं की तिलावत करते हैं तो इनका सवाब दुगना हो जाता है , आपको इस रात में इन मसनून दुआओं की तिलावत करने पर कई गुना ज्यादा अजर मिलता है। 

इन दुआओं में सबसे पहले आती है हमारी आयतल कुर्सी। अयातुल कुर्सी एक बहुत ही खास दुआ है जो आपकी हिफाजत करने में बहुत ज्यादा काम करती है। 

सबसे पहले आपको आयतल कुर्सी पढ़नी है। आयतल कुर्सी पढ़ने से पहले आपको दुरूद शरीफ से शुरुआत करनी है। 

आप कितनी भी मर्तबा दरूदे पाक पढ़ सकते हैं। जैसे की तीन-तीन मिनट दबाया साथ-साथ मर्तबा करके दरूदे पाक पड़े और उसके बाद आयतल कुर्सी पढ़े। 

ٱللَّهُ لَآ إِلَـٰهَ إِلَّا هُوَ ٱلْحَىُّ ٱلْقَيُّومُ ۚ لَا تَأْخُذُهُۥ سِنَةٌۭ وَلَا نَوْمٌۭ ۚ لَّهُۥ مَا فِى ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَمَا فِى ٱلْأَرْضِ ۗ مَن ذَا ٱلَّذِى يَشْفَعُ عِندَهُۥٓ إِلَّا بِإِذْنِهِۦ ۚ يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ ۖ وَلَا يُحِيطُونَ بِشَىْءٍۢ مِّنْ عِلْمِهِۦٓ إِلَّا بِمَا شَآءَ ۚ وَسِعَ كُرْسِيُّهُ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضَ ۖ وَلَا يَـُٔودُهُۥ حِفْظُهُمَا ۚ وَهُوَ ٱلْعَلِىُّ ٱلْعَظِيمُ ٢٥٥

अल्लाहू ला इलाहा इल्लाहु, अल हय्युल कय्यूम ला तअ’खुज़ुहू सिनतुव वला नउम, लहू मा फिस समावती वमा फ़िल अर्ज़, मन ज़ल लज़ी यश फ़ाऊ इंदाहु इल्ला बि इज़नीह, य अलमु मा ब्‌इ’न आयदीहिम वमा खलफहुम वला यूहीतूना बिशाई इम मिन इलमिही इल्ला बिमा शा.. अ वसिअ कुरसिय्यू हुस समावती वल अर्ज़, वला याऊ दुहू हिफ्ज़ुहुमा वहुवल अलिय्युल अज़ीम।

अयातुल कुर्सी पढ़ने के बाद तीन मर्तबा सूरह काफिरून पड़े। 

قُلْ يَـٰٓأَيُّهَا ٱلْكَـٰفِرُونَ ١ لَآ أَعْبُدُ مَا تَعْبُدُونَ ٢ وَلَآ أَنتُمْ عَـٰبِدُونَ مَآ أَعْبُدُ ٣ وَلَآ أَنَا۠ عَابِدٌۭ مَّا عَبَدتُّمْ ٤ وَلَآ أَنتُمْ عَـٰبِدُونَ مَآ أَعْبُدُ ٥ لَكُمْ دِينُكُمْ وَلِىَ دِينِ ٦

Ayatul Kursi in Hindi :

कुल या अय्योहाल काफिरुन, ला आअबुदू मा ताअबुदून, वला अंतुम आबिदु न मा आअबुद, वला अना आबिदुम मा अबत्तूम, वला अंतुम आबिदू न मा आअबुद, लकुम दिनुकुम वलि यदीन।

तीन मर्तबा सुरा इखलास पढ़ें ; 

قُلْ هُوَ ٱللَّهُ أَحَدٌ ١ ٱللَّهُ ٱلصَّمَدُ ٢ لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ ٣ وَلَمْ يَكُن لَّهُۥ كُفُوًاأَحَدٌۢ

Surah Ikhlas in Hindi :

कुल हुवल्लाहु अहद। अल्लाहुस समद। लम य लिद वलम यूलद। वलम याकुनल्लाहू कुफुवन अहद।

तीन मर्तबा  सुरा फलक पढ़ें ; 

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ ٱلْفَلَقِ ١ مِن شَرِّ مَا خَلَقَ ٢ وَمِن شَرِّ غَاسِقٍ إِذَا 

Surah Falaq in Hindi :

कुल आऊजू बिरब्बिल फलक़। मिन शर्रि मा खलक़। व मिन शर्री गसीकिन इजा वकब। व मिन शर्रि नफ्फासाति फिल उकद। व मिन शर्रि हसीदीन इजा हसाद।

तीन मर्तबा सुरा नास; 

قُلْ أَعُوذُ بِرَبِّ ٱلنَّاسِ ١ مَلِكِ ٱلنَّاسِ ٢ إِلَـٰهِ ٱلنَّاسِ ٣ مِن شَرِّ ٱلْوَسْوَاسِ

ٱلْخَنَّاسِ ٤ ٱلَّذِى يُوَسْوِسُ فِى صُدُورِ ٱلنَّاسِ ٥ مِنَ ٱلْجِنَّةِ وَٱلنَّاسِ ٦

Surah Nas in Hindi :

कुल आऊजु बिरब्बीननास। मालिकीन्नास इलाहिन्नास। मिन शर्रिल वासवासिल खन्नासिल लजी यूवासविसू फि सुदुरिन्नास। मिनल जिन्नती वन्नास।

एक मर्तबा अल्हम्दु शरीफ ; 

ٱلْحَمْدُ لِلَّهِ رَبِّ ٱلْعَـٰلَمِينَ ٢ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ ٣ مَـٰلِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ ٤ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ٥ ٱهْدِنَا ٱلصِّرَٰطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ ٦ صِرَٰطَ ٱلَّذِينَ أَنْعَمْتَ عَلَيْهِمْ غَيْرِ ٱلْمَغْضُوبِ عَلَيْهِمْ وَلَا ٱلضَّآلِّينَ ٧

Alhamdu Sharif in Hindi ; 

अलहम्दुलिल्लाह रब्बिल अलामिन। अर्राहमा निर्राहीम। मालिकी यौमिद्दीन। इय्याका नअबुदु व इय्यका नस्ताईन। इहदिनस सिरातल मुस्तकीम। सिरातल लजीना अन अम्ता अलैहिम गैरिल मगदूबि अलैहिम वलद्दाल्लीन।

एक मर्तबा अलिफ लाम मीम ; 

الٓمٓ ١ ذَٰلِكَ ٱلْكِتَـٰبُ لَا رَيْبَ ۛ فِيهِ ۛ هُدًۭى لِّلْمُتَّقِينَ ٢ ٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِٱلْغَيْبِ وَيُقِيمُونَ ٱلصَّلَوٰةَ وَمِمَّا رَزَقْنَـٰهُمْ يُنفِقُونَ ٣ وَٱلَّذِينَ يُؤْمِنُونَ بِمَآ أُنزِلَ إِلَيْكَ وَمَآ أُنزِلَ مِن قَبْلِكَ وَبِٱلْـَٔاخِرَةِ هُمْ يُوقِنُونَ ٤ أُو۟لَـٰٓئِكَ عَلَىٰ هُدًۭى مِّن رَّبِّهِمْ ۖ وَأُو۟لَـٰٓئِكَ هُمُ ٱلْمُفْلِحُونَ ٥

Alif laam Meem Surah Hindi:

अलिफ लाम मीम। जालिकल किताबु ला रै बाफीह। हुदल लील मुतकिन्नल्लजीना यूमिनुना बिल गैबी वयूकीमुनस्सलाता व मिम्मा राजकनाहुम युनफिकुन। वाल्लजीना यूमीनूना बिमा उंजिला इलाइका वमा उंजीला मिन काबलिक। व बिल आखिराती हुम युकीनुन उलाइका अला हुदम मिर रब्बिहिम व उलाइका हमुल मुफले

Conclusion ; 

मैंने आपको अपने इस आर्टिकल में shab e barat 2025  के बारे में डिटेल में जानकारी देने की कोशिश की है। 

इससे पहले कुछ पिछले आर्टिकल्स में मैं shab e barat 2025  के बारे में काफी डिटेल में बताया हुआ है। 

ऐसे ही क़ुरान और दीनी आर्टिकल्स के लिए बन रहे मेरे साथ। और मैं दुआ करती हूं कि अल्लाह आप सभी की जायज मुराद को कबूल करके आपकी मकसद फार्मा दे।।

फि अमान अल्लाह।

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